गाजियाबादः गला घोंटने से नहीं बल्कि ऐसे हुई थी गुलशन की बेटी की मौत, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा
गाजियाबाद के इंदिरापुरम के वैभव खंड स्थित कृष्णा अपरा सफायर सोसायटी में रहने वाले जींस कारोबारी गुलशन वासुदेवा जीतेजी तमाम उतार-चढ़ाव से जूझते रहे। परिस्थितियां कैसी भी रहीं, कभी ऐसा काम नहीं किया जिससे साख पर बट्टा लगे। लेकिन मंगलवार तड़के उन्होंने अपने ही हाथों अपना गुलशन उजाड़ लिया। उनके इस कदम ने पुलिस रिकार्ड में उनका नाम हत्यारोपियों की लिस्ट में शामिल कर दिया।

इसके साथ ही बच्चों के शवों की जो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है उसमें बेहद चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। इसके अनुसार बेटी की हत्या गला दबाने से नहीं हुई थी। जानिए गुलशन ने अपनी बेटी को कैसे उतारा मौत के घाट....बच्चों की हत्या कर पत्नी और मैनेजर के साथ आत्महत्या करने वाले गुलशन वासुदेव ने कैसे अपनी बेटी को मारा इसकी परतें एक-एक कर खुल रही हैं। गुलशन ने मरने से पहले बेटी को फंदे पर लटकाकर मौत के घाट उतारा। बुधवार को आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। वहीं गुलशन उसकी पत्नी और संजना की मौत का कारण हैमरेज आया है। एसएचओ महेंद्र सिंह ने बताया कि सभी शवों का पंचनामा और अन्य कागजी कार्रवाई करने में समय लग गया।मामला बड़ा होने से पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल ने किया। जिसके बाद जिलाधिकारी से रात में पोस्टमॉर्टम की अनुमति मांगी गई। रात में सबसे पहले गुलशन का पोस्टमॉर्टम हुआ। परमीना का दूसरे नंबर पर संजना का तीसरे नंबर पर हुआ। इस दौरान लाइट चली गई और जनरेटर नहीं चल सका। इस कारण दोनों बच्चों के पोस्टमॉर्टम रात में नहीं हो सके।बुधवार सुबह दोनों बच्चों कृतिका और रितिक के शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ। पोस्टमॉर्टम में आया है कि कृतिका की मौत फंसे पर लटकाने के कारण हुई है। जबकि बेटे रितिक की मौत चाकू से गला रेतने के कारण हुई। गुलशन परमीना और संजना की मौत हैमरेज से हुई।गुलशन के शरीर पर चार जगहों पर चोट आई जबकि परमीना और संजना के शरीर पर छह-छह जगहों पर चोट आई। एसएसपी सुधीर कुमार ने बताया कि मृतकों ने विषैला पदार्थ खाया था या नहीं, यह बिसरा रिपोर्ट के बाद ही पता चलता है। सभी लोगों की मौत चार घंटे के अंदर हुई है।बच्चों को दी नशे की डोजः गुलशन ने अपने करीबी अंकल रमेश अरोड़ा को वीडियो कॉल में पंखे से लटका फंदा दिखाया था। तब यह माना गया था कि तीनों ने आत्महत्या के लिए पहले फंदा लगाने का निर्णय लिया होगा, बाद में कूदने का फैसला ले लिया। वहीं 18 साल की कृतिका की फंदे पर लटकने की बात चौंकाने वाली है।इस बारे में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि परिवार में मानसिक रूप से सभी परेशान थे। तीन लोगों ने सहमति से कूदने का फैसला लिया। हो सकता है कि कृतिका ने सहमति के चलते कमरे में फंदा खुद लगाया हो। ये भी हो सकता है कि दोनों बच्चों को उनकी मौत के बारे में पता न चले इसलिए दोनों को पहले भारी नशे की डोज दी गई हो। अगर नशे की डोज नहीं होती और सहमति नहीं होती तो मारने के दौरान बच्चों के चीखने चिल्लाने की आवाज आती।